स्नेह-सूत्र सज उठा कलाई पर ,
अभिमान बहन को हुआ भाई पर
बने साक्षी अक्षत रोली ,
घेवर ने मिठास है घोली
स्मृतियों की आँख मिचौली
नयन बोलते अश्रू बोली
गले मिल रहे बहन-भाई
रक्त-सम्बन्ध ने ली गहराई
हर रिश्ते की आन तू रखना
भाई मेरा मान तू रखना
भावुकता ने भाई को घेरा
बहन तू सम्मान है मेरा !
राखी पर्व आ गया भाई
आप सबको बहुत बधाई
अभिमान बहन को हुआ भाई पर
बने साक्षी अक्षत रोली ,
घेवर ने मिठास है घोली
स्मृतियों की आँख मिचौली
नयन बोलते अश्रू बोली
गले मिल रहे बहन-भाई
रक्त-सम्बन्ध ने ली गहराई
हर रिश्ते की आन तू रखना
भाई मेरा मान तू रखना
भावुकता ने भाई को घेरा
बहन तू सम्मान है मेरा !
राखी पर्व आ गया भाई
आप सबको बहुत बधाई